Translate

Sunday, February 6, 2022

यादों का झरोखा

यादों का झरोखा..!!
नमस्कार! मेरी यादों के इस डिजिटल झरोखे में आपका स्वागत है।
 दैनिक दिनचर्या में जब कभी यादों की दराज से कुछ स्मृतियाँ बाहर निकलकर झाँकने लगती हैं, तो मैं भी कुछ देर उन्हें गले लगाकर पुरानी कोई बात कहने सुनने लगता हूँ। बस उन्हीं किस्सों के आस-पास कहीं यादों,बातों, कल्पनाओं को शब्दों में पिरोने की कोशिश ये ब्लॉग है। आपका साथ हमेशा से रहा है। उम्मीद है ये साथ बना रहेगा। शायद मेरी कोई याद आपकी भी किसी याद जैसा हो। इसी उम्मीद से जो कुछ भी लिखूँगा आप तक इस ब्लॉग के माध्यम से पहुँचता रहेगा।
बहुत धन्यवाद🙏

No comments:

Post a Comment

डिलीटेड यादें

**** दुनिया ख़त्म होने को थी, कई तरह की प्राकृतिक घटनाएँ  होने की ख़ास वजह  थी शायद ये कि मौजूद तमाम तरह के निशान मिट सके।हमेशा के लिए। फिर सद...