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Monday, January 10, 2022

प्रार्थनाएं जो कभी ईश्वर ने नहीं सुनी

प्रार्थनाएं जो कभी ईश्वर ने नहीं सुनी..
एक ज़रूरी ई-मेल (जो शायद 3-4 दिन पहले आया हो) देखने के लिए मेलबॉक्स खोला.
तमाम तरह के ग़ैर-ज़रुरी मेल्स के बीच ज़रुरी मेल खोजना मुश्किल जान पड़ा. अचानक ज़ेहन में आया कि स्पैम (अवांछित फोल्डर) में देख लूँ. कुछ ही सेकण्ड्स में मिल गया.
              इसी प्रक्रिया में ख़याल आया कि वे ज़रुरी प्रार्थनाएँ जो कभी पूरी नहीं होती, क्या ईश्वर तक पहुँची होंगी कभी?
क्या ईश्वर भी कभी स्पैम में अनसुनी/ अवांछित प्रार्थनाएं खोजता होगा?
क्या हुआ होगा उन निवेदनों का, जो ईश्वर ने प्रथम दृष्टया देखकर "....बाद में सोचूँगा" जैसे जुमले से पेपरवेट के नीचे दबा दिए हो और भूल गया हो. 
कितनी प्रार्थनाएँ, कितने मन्नत के स्वास्तिक, धागे अपनी जगह पर प्रतीक्षा कर रहे हो कि एक दिन ईश्वर लोगों के भेजे हुए सभी प्रार्थनाओं, e mails ,मन्नतों को स्वीकार कर ले.
*****
१० जनवरी, २०२०. 
6.22 pm
(छायाचित्र - साभार  इंटरनेट)

1 comment:

ना अपने बारें में ना तुम्हारे.. दुनिया के किसी हिस्से की बात!

ये भी मुमकिन है कि आँखें हों तमाशा ही न हो  रास आने लगे हम को तो ये दुनिया ही न हो    टकटकी बाँध के मैं देख रहा हूँ जिस को  ये भी हो सकता है...